सरस्वती माया दृष्टा वीणापुस्तकधारिणी
हसवाहनसंयुक्ता विद्यादानं करोतु मे
प्रथमं भारती नाम द्वितीयञ्च सरस्वती
तृतीयं शारदा देवी चतुर्थ हंसवाहिनी
पञ्चमं तु जगन्माता षष्ठं वागीश्वरी तथा
सप्तमं चैव कौमारी अष्टमं वरदायिनी
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं ब्रह्मचारिणी
एकादशं चन्द्रघण्टा द्वादशं भुवनेश्वरी
द्वादशै तानि नामानि त्रिसन्ध्यं य पठेन्नरः
जिव्हाग्रे वसते तस्य ब्रह्मरूपा सरस्वती
माता सरस्वतीक एहि मन्त्रकेँ मिथिलाक्षर (तिरहुता) सम्पादन : विनीत ठाकुर
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Monday, November 7, 2016
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सरस्वती माया दृष्टा Saraswati maya drista
सरस्वती माया दृष्टा Saraswati maya drista
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Mithilakshar or Tirhuta Lipi is A Historical Writing form of Maithili.This blog is all about Mithilakshar.
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Binit Thakur
cool
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