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Thursday, November 17, 2016

मैथिली कविता ... Maithili Kavita ... विनीत ठाकुर



शान्ति सन्देश

! शान्तिदूत परवा उड़िकऽ अप्पन देशमे
फैलऽवै तों शान्ति हिमाल, पहाड़ मधेशमे
एतऽकेँ सभ नरनारी अछि शान्तिकेँ पूजारी  
सहत कोना हिंशा पसरल अछि समस्या भारी
 
हिमालक अमृत जलमे मिलिगेल शोनितकेँ धारा
भेल अछि अखन शसंकित जनता नेपाली सारा  
परवा छे तों सहासी पृय सभक मोनक विश्वासी  
कर तोँ कोनो उपाय रहे नहि किओ बनवासी
 
दू भाइ बीच अपन समस्या केँ जितत केँ हारत
नेपाल माइक दुखित नयन नोर कतेक झारत
हटादे रे परवा तोँ भाइभाइ बीच मोनक दूरी
अनाहकमे नहि उजरे आब सधवाकेँ माङ सिन्दुरी


विनीत ठाकुर
मिथिलेश्वर मौवाही, धनुषा

Mithilakshar/Tirhuta image

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