मैथिली गजल : भगवान ! हमर ई मिथिला - Mithilakshar Lipi

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Tuesday, March 21, 2017

मैथिली गजल : भगवान ! हमर ई मिथिला



मिथिला प्रार्थना

भगवान ! हमर मिथिला सुख शान्ति केर घर हो
आदर्श भूमि मिथिला इतिहास मे अमर हो ।।
जाहिठाम जाइ हम सब सिंहे जकाँ कहाबी
दुर्दान्त होइ सबठाँ केवल अहाँक डर हो ।।
जग भरि सुनी नचारी तिरहुति महेशवानी
सभकेर कण्ठपथमे मृदु मैथिलीक स्वर हो ।।
अत्यन्त शक्तिशाली जे द्वीप अछि तहू पर
एहि देश केर भाषा भेषहुक असर हो ।।
सरय एतय यथोचित अभिनव कला कुशलता
प्रतियोगिताक रणमे प्रान्त अग्रसर हो ।।
अन्तिम विनय दयालु, बस आब एकटा जे
पाग विश्वभरिमे सबकेर माथ पर हो ।।

कविकर यात्री जी रचित कविताक मिथिलाक्षर (तिरहुता) सम्पादन : विनीत ठाकुर

Maithili Languages : Mithilakshar / Tirhuta

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