सा ते भवतु सुप्रीता देवी शिखर वासिनी ... Sa te bhawatu suprita devi shikhar wasini .... Mithilakshar .... tirhuta - Mithilakshar Lipi

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Thursday, September 20, 2018

सा ते भवतु सुप्रीता देवी शिखर वासिनी ... Sa te bhawatu suprita devi shikhar wasini .... Mithilakshar .... tirhuta

सा ते भवतु सुप्रीता देवी शिखर वासिनी
उग्रेण तपसा लब्धो यया पशुपतिः पतिः ।।
सिद्धिः साध्ये सतामस्तु प्रसादात्तस्य धूर्जटेः
जाह्नवीफेनलेखेव यन्मूर्धि शशिनः कला ।।

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2 comments:

  1. सभ भारतीय भाषाक जननी तँ संस्कृत थिकी, हमरा सभक पूर्वजा माता कोनो कारणे संस्कृतभाषा सीखबा में सक्षम नहि भेलथि आ तहिलेल मैथिली आ अनेक भारतीय भाषाक उत्पत्ति भेल होयत । एहि सँ अपना सभक संस्कृतिक मूल भाषाक रक्षण नहिं भेल, इस्लामिक आतंक के जगह भेटलन्हि आ लाखों देशवासी एहि क्रमे मूल सँ कटि के आतंक लग समर्पित भs धर्मांतरण केलैथ। हम सभ एखनहुँ भ्रम में रहि अप्पन मूल संस्कृति दिशि नहिं देखि पबै छी जाहि में अर्थ, धर्म,काम ,मोक्ष मानव जीवनक उद्देश्य छल। परन्तु विडम्बना देखू जे मोक्ष जीवनक उद्देश्य सँ निकलि आब मृत्युपरान्त बना देल गेल अछि। इएह तँ संस्कृति के अवनति आ देशक गुलामी के कारण बनल। हम सभ जँ अप्पन संस्कृतिक मूल सँ जुड़ल रहितहुँ तँ एत्तेक शशक्त राष्ट होयतहुँ जे एखन तक विश्वगुरु बनल रहितहुँ । एहि पर विचार अवश्य होमक चाही।

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  2. भगवती बन्दना साते भबतु ४७म बर्षक बयसमे पढि बच्चन याद आयल, एहि उपकारके लेल बिनीत जी के बहुत बहुत धन्यबाद

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