वसुन्धरा मैथिली हाइकु संग्रह मिथिलाक्षर आ देवनागरी दुनु लिपिमे उपलभ्य अछि । एहि संग्रह के लेखक छथि विनीत ठाकुर ।
४९.
हरिण मस्त
अपन हिरणी मे
बाणक वर्षा ।
हरिण मस्त
अपन हिरणी मे
बाणक वर्षा ।
५०.
कचबचिया
करैया कचबच
पहर बोध ।
५१.
कारी ककुरा
अहारक खोजी मे
बच्चा सँ दूर ।
५२.
ऊँटक आँखि
कलशायल गाछ
पल मे नग्न ।
कचबचिया
करैया कचबच
पहर बोध ।
५१.
कारी ककुरा
अहारक खोजी मे
बच्चा सँ दूर ।
५२.
ऊँटक आँखि
कलशायल गाछ
पल मे नग्न ।
Basundhara Maithili Haiku Sangraha / Maithili alphabets / Mithilakshar / Tirhuta script
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