८५.
फाटल एड़ी
खेती आ किसानी मे
तैयो गरीब ।
८६.
बुद्धिक वृक्ष
कर्म सँ दैत अछि
सुन्दर फल ।
८७.
विरह काल
सुकुमारि गुलाब
अग्नि समान ।
८८.
कर्मयोग सँ
पाथर पर फूल
फुलाबे ज्ञानी ।
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