५७.
मध्य राति मे
बाजय रुनझुन
शाहीक काँट ।
५८.
गामक कात
झुण्ड मे सतभैँया
बीछय कीड़ा ।
५९.
कर्कश बोली
मक्कार, सर्वभक्षी
पक्षी छै कौआ ।
६०.
खच्चर अछि
साहसी जानवर
चढ़े पहाड़ ।
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