एक श्लोकी रामायण
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वा मृगं काञ्चनम् ।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणम् ।
बाली निग्रहणम् समुद्र तरणं लंका पुरी दाहनम् ।
पश्चात् रावण कुम्भकर्ण हननं एतद्धि रामायणम् ।।
संस्कृतमे रचित
एहि एक श्लोकी
रामायणकेँ मिथिलाक्षर सम्पादन : विनीत ठाकुर
Ek Sloki Ramayan
Maithili : Tirhuta / Mithilakshar / Vaidehi image
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