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Thursday, December 5, 2019

मैथिली कविता .. Maithili Kavita .. मैथिली हाइकु कविता .. Maithili Haiku Kavita



वसुन्धरा मैथिली हाइकु संग्रह : विनीत ठाकुर

८९.
मुदुस्सा चिड़ै
दिन भरि आन्हर
साँझ मे तेज ।

९०.
बकुला ध्यान
नदी के किनार मे
हेले बुआरी ।

९१.
डोकहर के
लग मे गहुमन
उगले विष ।

९२.
चिल्हक पंजा
परल रहु पर
छुटल प्राण ।

मैथिली कविता / Maithili Kavita / मैथिली हाइकु कविता / Maithili Haiku Kavita / Mithilakshar

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