मैथिली भाषाक वसुन्धरा हाइकु संग्रह । हाइकु कविता १७ अक्षर मे मात्र लिखल जाइत अछि । एकरा विश्वके सभसँ छोट शूत्र–वद्ध कविता सेहो कहैत छै । ई जापान सँ आयातित कविता अछि । - Mithilakshar Lipi

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Friday, January 3, 2020

मैथिली भाषाक वसुन्धरा हाइकु संग्रह । हाइकु कविता १७ अक्षर मे मात्र लिखल जाइत अछि । एकरा विश्वके सभसँ छोट शूत्र–वद्ध कविता सेहो कहैत छै । ई जापान सँ आयातित कविता अछि ।

३७.
जीर्ण पोखरि
मुँह बावि सितुवा
उगले मोती ।

३८.
रातुक शेर
दिन मे लटकल
उन्टा बादुर ।

३९.
साँचे टिटही
आकाश के लोकत
टाङ उठा कऽ ।

४०.
पोखरि कात
गोरल रहठा मे
घोंघही बास ।

मैथिली भाषाक वसुन्धरा हाइकु संग्रह । हाइकु कविता १७ अक्षर मे मात्र लिखल जाइत अछि । एकरा विश्वके सभसँ छोट शूत्र–वद्ध कविता सेहो कहैत छै । ई जापान सँ आयातित कविता अछि । Maithili lipi

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