चारिटा मैथिली भाषाक हाइकु कविता / Maithili Bhasha ke 4 taa Haiku - Mithilakshar Lipi

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Friday, January 3, 2020

चारिटा मैथिली भाषाक हाइकु कविता / Maithili Bhasha ke 4 taa Haiku

३३.
आन्हर साँप
मुँह मे छुछुन्नर
घोटत नहि ।

३४.
घोटि कऽ मृग
अजगर अचेत
पिबे बसात ।

३५.
साओन मास
कदम तर झूला
सखी उदास ।

३६.
विनु वर्षा के
खेत मे डोका सब
चुआबे लेर ।

चारिटा मैथिली भाषाक हाइकु कविता / Maithili Bhasha ke 4 taa Haiku / Mithilakshar / Tirhuta

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