शुभकामना
साहित्यकार
विनीत
ठाकुर
मैथिली
भाषाक
ज्ञाता
एवम्
कुशल
स्रष्टा
छथि
।
ओ
तिरहुता
लिपिक
प्रबर्धन
करैत
अपन
मातृभाषा
मैथिली
लगायत
नेपालक
साझा
भाषा
नेपाली
मे
समानान्तर
रुप
सँ
काव्य सृजना करैत छथि । काव्य सर्जक ठाकुर नेपालक एकटा उदीयमान साहित्यकार छथि । ओ मैथिली आ नेपाली दुनु भाषा मे कृति सब रचना कएने छथि । सृजना मे नव–नव प्रयोग करऽ मे रुचि रखनिहार ठाकुर जापानी साहित्य मे अत्यन्त लोकप्रिय हाइकु के मैथिली भाषा आ साहित्य मे नव–प्रयोग कएलन्हि अछि । संक्षिप्त आकार आ लय के अन्विति मे लिखल जाय बला हाइकु अखन के व्यस्त मनुक्ख सभक लेल आकर्षक आ रोचक रहल अछि ।
मिथिलाक
भूगोल
मे
रहल
प्राकृतिक
सौन्दर्य,
मैथिली
संस्कृति
के
लालित्य,
कोमलता
आ
श्रमजीवी
किसान
मजदूर
सभक
पीड़ा
रहल
एहि
हाइकु
संग्रह
के
सब
हाइकु
मर्मस्पर्शी
आ
सहज
अछि
।
नेपालक
मैथिली
साहित्य
भण्डार
मे
नव
कृति
दऽ
कवि
विनीत
ठाकुर
मैथिली
भाषाक
पाठकक
समक्ष
उल्लेखनीय
काज
कएलन्हि
अछि
।
हुनक
सृजना
कर्म
के
प्रोत्साहित
करैत
ई
कृति
सार्वजनिक
करऽ
मे
कवि
ठाकुर
सफल
होथि
से
कामना
करैत
हार्दिक
बधाई
ज्ञापन
करैत
छी
आ
हुनक
सृजनशीलता
उर्वर
होइथि
रहन्हि
से
शुभकामना
अछि
।
गङ्गाप्रसाद
उप्रेती
कुलपति
नेपाल
प्रज्ञा–प्रतिष्ठान
कमलादी,
काठमाण्डू
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