Pro. Dr. Usha Thakur | Member of Nepal Academy | Maithili Haiku - Mithilakshar Lipi

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Sunday, February 16, 2020

Pro. Dr. Usha Thakur | Member of Nepal Academy | Maithili Haiku

आओर एकताक भाव के सुदृढ़ करबाक मार्ग मे उल्लेखनीय योगदान प्रदान कऽरहल छथि तैँ हुनका हार्दिक बधाई नेपाली आओर मैथिली दुनु साहित्यकारक बीच मे एकटा सेतुक रुप मे कार्य कऽ रहल  छथि विनीत ठाकुरजी अपन मातृभूमिक परिवेश तथा पर्यावरण के पृष्ठभूमि मे राखि कऽ एहि कृति के सृजना कएने छथि अपन ग्राम्य वातावरणक सघन अनुभूति द्वारा अपन मातृभाषाक लालित्यक संग हाइकु के माध्यम सँ सुन्दर ढ़ंग सँ सम्प्रेषण कएने छथि

    हाइकु लघुतम प्रकार के कविता अछि वर्तमान मशीनी युग मे हाइकु सर्वाधिक लोकप्रिय विधा के रुप मे प्रचलित अछि यद्यपि एकटा कठिन साधना अछि तथापि विनीतजी हाइकु के नियम के यथोचित पालन करैत अत्यन्त परिश्रम, लगन धैर्यक संग अपन सृजना के प्रस्तुत कएने छथि प्रस्तुत हाइकु कविता सब तीन पूर्ण पंक्ति मे लिखल गेल अछि प्रथम पंक्ति मे अक्षर, दोसर पंक्ति मे अक्षर आओर तेसर पंक्ति मे अक्षर अर्थात् कुल १७ अक्षर के अत्यन्त संक्षिप्त कविता प्रस्तुत कएल गेल अछि एहि मे विनीतजी हाइकु विधाक अनुशासन के पूर्ण पालन कएने छथि



    हाइकु के प्रकृति काव्य सेहो कहल जाइत अछि प्रस्तुत संग्रह मे प्रकृति के मनोरम चित्रण प्रस्तुत भेल अछि प्रकृति के बाह्य अन्तः प्रकृति के सजीव वर्णन एतऽ भेल अछि ऋतु सूचक शब्दक अधिकता हाइकु के जीवन्त बना देने अछि प्रमाण स्वरुप देखू एकटा हाइकु :



कमला स्नान

मिथिलाक भूमि पऽ

लागय स्वर्ग
    भाव कला के सम्यक समन्वय विनीतजी अपन हाइकु कविता सब मे कयने  छथि प्रेमक संग जीवनक अनुभूति सब, जीवन मे प्राप्त आशानिराशा, हर्षविषाद, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक विसंगति सब सेहो एतऽ चित्रित भेल अछि प्रकृति के शाश्वत सत्य, युगीन मूल्यमान्यता मे परिष्कार के आवश्यकता पर बल देल गेल अछि बास्तव मे हाइकु कविता समाजक लेल पथ प्रदर्शक अछि मुहाबरा के सहज प्रयोग, भावानुकूल भाषा, संवेदनशीलता, प्रवाहमयता, अनुभूतिक सघनता, लालित्यमयता आदि गुण के कारण हाइकु कविता सब अत्यन्त हृदयस्पर्शी बनि पड़ल अछि

 Pr. Dr. Usha Thakur | Maithili Haiku | Mithilakshar | Tirhuta | Basundhara Maithili Haiku Sangraha

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