विनीत रचित मैथिली हाइकु पर एक विहंगम दृष्टि
विनीत ठाकुर निरन्तर क्रियाशील स्रष्टाक रुप मे एकटा परिचित तथा चर्चित नाम अछि । एहि क्रम मे ओ मैथिली हाइकु संग्रह लऽकऽ पाठक समक्ष प्रस्तुत भेल छथि । हुनक एहि कृति मे कुल १०० हाइकु संग्रहीत अछि ।
हाइकु के संग–संग ओ कविता, कथा, गीत, लेख, निबन्ध आदि विधा मे कलम चलाबऽ मे क्रियाशील छथि । मैथिली आओर नेपाली साहित्य जगत् मे हुनक बहुआयामिक साहित्यिक व्यक्तित्व खूब लोकप्रिय छनि । हुनका द्वारा रचित गीति संग्रह, मैथिली सँ नेपाली मे अनुदित कथा संग्रह, मैथिली आ नेपाली भाषाक लब्ध–प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र–पत्रिका तथा वेबसाइट सब मे प्रकाशित कथा, कविता, निबन्ध, धर्म–संस्कृति सम्बन्धी आलेख सब बेस चर्चित आ पठनीय अछि । ओ युगकवि सिद्धिचरण श्रेष्ठक कविता के हिन्दी मे अनुवाद सेहो कएने छथि जे प्रकाशन के क्रम मे अछि । ओ मैथिली फिल्म आ एल्बम सब मे बहुत गीत लिखने छथि जे खुब लोकप्रिय आ प्रशंसनीय अछि । विनीतजी मैथिली लिपि के प्रबर्धन आ साहित्यक सेवा हेतु विभिन्न संघ–संस्था द्वारा अनेकानेक साहित्यिक मान–सम्मान सँ सम्मानित स्रष्टा छथि ।
एतऽ चर्चाक विषय अछि विनीत ठाकुरजी रचित मैथिली हाइकु संग्रह ‘'वसुन्धरा’ के । हाइकु कविता मूल रुप सँ जापानी कविता अछि, मुदा आब ई विधा विश्व–साहित्य जगत् मे खुब लोकप्रिय भऽरहल अछि । एतऽ धरि कि अंग्रेजी तथा विश्वक अनेक भाषा सबहक संग हिन्दी आओर नेपाली साहित्य मे सेहो हाइकु प्रमुख विधा बनि चुकल अछि । एतबे नहि नेपालक मातृभाषा सब मे सेहो हाइकु विधा अत्यन्त लोकप्रिय भऽ साहित्य–जगत् मे छपि रहल अछि ।
नेपालक सांस्कृतिक, भाषिक, धार्मिक विविधता सब के एकताक सूत्र मे जोड़ब हमरा सभक परम कत्र्तव्य अछि । नेपाली भाषा साहित्य के संग–संग नेपालक सम्पूर्ण मातृभाषा साहित्य के विविध विधाद्वारा संरक्षण आ संबद्र्धन करब सभ साहित्यकारक दायित्व अछि । विनीत ठाकुरजी मैथिली भाषा के संग–संग नेपाली भाषा के विविध विधा मे सफलतापूर्वक कलम चला कऽ हमरा सभक बीच के आपसी सद्भाव
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